Friday, May 04, 2012

परिणय प्रश्न


परिणय निर्णय ,कर भी लो अब , कहते हैं परिजन हमको 
प्रेम मिलेगा , साथ मिलेगा , मिलेगा उष्ण भोजन हमको 
उम्र हो रही , कमर खो रही , दिखने लगी सफेदी है 
ये बकरा कब कटेगा आखिर , पूछ रही बलि वेदी है .

मित्र कह रहे , कर भी ले अब , अच्छा  खाता पीता है 
जलन हो रही क्यूँ तू आखिर ,इतने सुख से जीता है .
नहीं आमंत्रित करते मुझको ,उत्सव और त्योहारों में 
 याद  मुझे करते हैं जब , जाना होता है बारो में 

सुख  चिन्तक   पूछते मुझ से , " क्या , तुझको किसी से प्यार है ? " 
" All your Exs  got Married " ,   किसका  तुझे  इंतज़ार   है  ?
करलो शादी ,अभी समय है , योवन की   तुम  पर दृष्टि है ,
करो संतति , वंश बढाओ , ऐसे ही  चलती  स्रष्टि   है . 

निशब्द हुआ सुनता  मैं  उनके , प्रवचनों , सुझावों को 
और  तोलता  हूँ  मैं , अपने जीवन के  अभावों को ,
" खो रहा   परम सुख जीवन का मैं  " वो ऐसा मुझे बताते हैं 
किन्तु निस्तेज नयन उनके , कुछ और ही कथा सुनाते हैं .

उन्हें नहीं है  रूचि  तनिक भी,  सुबह शाम की लाली में 
कोयल के  संवादों  में ,  गुलमोहर की डाली में 
जीवन के ध्येय की जिज्ञासा ,  बेकार के बातें लगती है 
उनकी   विषैली   व्यवहारिकता  , हर बात में मुझको डसती है  
कोई तेज़ नहीं जीवन में उनके , सब कथा कथानक सूनी हैं .
किराने की  दुकान सा जीवन ,और  सपने भी  परचूनी हैं . 

अपनी निष्क्रियता का कारण , वो गृहस्थी को बतलाते हैं 
साथी को ठहरा अपराधी , खुद त्याग मूर्ती बन जाते है 

थकते नहीं हैं  ज़िन्दगी   निबाह  कर के वो ,
चाहे भी अगर   तो  जाये कहाँ चाह कर के वो , 
कहते नहीं मुख से कभी ,पर  हम को है पता , 
सोचते हैं फस गए , विवाह कर के वो .

मेरे जीवन के चिंता में , जो खोये अपनी सुध बुध हैं ,
क्यों नहीं समझते , मेरे इस निश्चय की  , एक वजह वो ही  खुद हैं 



Please Note: This poem was written in part frustrated and part whimsical state of mind. A friend's loose remark ignited this .I don't intend to be judgmental. My apologies in advance if you feel offended. 

3 comments:

Shesha Chaturvedi said...

Lovely Poem and well expressed!!!

Prashant Singh said...

Thanks Shesha for kind words . I am glad you like it .

tarun said...

correct me if i am wrong but the word "निश्चय" is casually placed there...
My Saying is "so what if thousand stories Fucked up ... I won't fuck up mine.!!!! i am 50% of it and good enough to balance rest 50!!!"
PUNJABI TRANSLATION:--"WOT HO GAIYAN NE KAVITA SAVITA --- HUN WAQT AA GIYA HAI WAYAH KARAN DA!!!"